अंग्रेजी मैडम की चुदाई भाग-3
तो मैं मैडम की चुत चाटने लगा और मैडम नीचे देकते हुए और गीली होने लगी। मैडम अपनी दोनों टांगे फैला कर कड़ी थी और मैं सामने से नीचे बैठ कर उनकी चुत चाटे जा रहा था।
दोस्तों ये मेरी कहानी का तीसरा भाग है अगर अपने दूसरा पहला और दूसरा भाग नहीं पड़ा तो नीचे क्लिक करके पढ़े।
तो मैडम की चुत चाटने लगा और देखते ही देखते मैडम चुदाई के लिए पूरी तैयार हो गई। मैंने मैडम को पास पड़े टेबल कर बैठाया और उनकी गांड के नीचे हाथ रख कर चुत में लिंग घुसा दिया।
इस तरह मैं कभी मैडम के थन चूसता तो कभी उनके होठो को चूमता हुआ सेक्स करने लगा। इस तरह अंग्रेजी मैडम की चुदाई मैं धीरे धीरे करने लगा और उन्हें पूरा प्यार देता हुआ सेक्स करता रहा।
मैडम कभी आंखे बंद करती तो कभी मेरी आँखों में देख अपने मुँह से गर्म सासे लेती। उनका गर्म शरीर और गहरी सांसो की खुशबु महसूस कर के मुझे काफी अच्छा लग रहा था।
ऐसा लग रहा था की मैडम कोई अप्सरा हो जो ऊपर से मेरा लंड लेने के लिए ही आई है।
कुछ देर बाद मैंने मैडम की गांड के नीचे से हाथ निकाले और उनकी पतली कमर पकड़ कर जबरदस्त चुदाई करने लगा।
मैं जोर जोर से अपनी कमर हिला कर मैडम की चुत चोदने लगा। साथ ही मेरे टटे टेबल पर लगने लगे और मुझे दर्द होने लगा।
पर मैं रुका नहीं अपने गोते टेबल पर जोर से मारता हुआ मैं चुत अंदर से रगड़ता रहा और इसी तरह दर्द के साथ पूरा आनंद लेने लगा।
मैडम भी अपने सुंदर हाथो से मेरे पुरे शरीर को छूने लगी और देखते ही देखते मेरा झड़ने लगा।
झड़ने से पहले मेरा लिंग पथर सा हो गया जिस कारण मैडम को पता लग गया की मेरा निकलने वाला है।
मैडम ने मुझे तुरंत धका दिया और मैं पीछे जाकर गिर पड़ा। मैं जैसे ही नंगे चूतड़ों के बल गिरा मेरा लंड झंडे लगा और मैडम ऊपर टेबल पर बैठी मुझे देखने लगी।
मैं नंगा जमीं पर बैठा लंड से माल पानी झाड़ने लगा और मैडम मुझे देखती रही।
मैं मैडम को बोला “मैडम जी मुझ से कोई गलती हो गई क्या ??”
मैडम – तुम तो 5 मिनट नहीं चले और पहले से ठन्डे पड़ गए छी।
उनकी इस बात का मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मेरा पूरा लंग लटक रहा था और उसमे से सफ़ेद पानी टपक रहा था जिसे देख मैडम मुँह बना रह थी।
मैडम तभी उठी और अपनी साड़ी और कच्छी पहन कर मेरे मुँह के पास आकर बोली “तुम मेरी जूती का बराबर हो !!”
ये कह कर उन्होंने मेरे मुँह पर थूका और वहा से मटकते हुए चली गई। और मैं वहा बैठा उनके रसीले थूक को अपने ही चेहरे से चाटने लगा।
उस पल न तो मुझे कोई बजती महसूस हुई और न तो शर्म। मैं तो मैडम के हर रूप का दीवाना हो गया था। और जिसमे मैं मैडम का प्यार समझ रहा था वो तो उनकी हवस थी जिसे मैं शांत न कर सका।
दो दोस्तों ये थी मेरी अंग्रेजी मैडम की चुदाई भाग-3 अगर आपको मेरे सभी भाग पसंद आए तो मुझे मेल करना मत भूलना।