बारिश और मेरी चुत चुदाई!!
कैसे है दोस्तों मेरा नाम रितिका है और मैं दिल्ली की रहने वाली लड़की हूँ और आज मैं आप लोगो को अपनी चुदाई कहानी सुनाने वाली हूँ। इस वेबसाइट पर मैं पहली बार अपनी कहानी लेकर आई हूँ। antarvasnakahani.com पर मैं काफी वक्त से सेक्स कहानिया पढ़ रही हूँ और एक दिन मैंने सकोचा की चलो मैं अपनी चुत कहानी भी यहाँ प्रस्तुत कर देती हूँ।
पीछे कुछ महिओ से मैं और मेरी 3 सहेलिया इस वेबसाइट की कहानियाँ पढ़कर काफी मजे ले रहे है। मैं ये देख के हेरा हूँ की जैसी चुदाई मैं कल्पना करती हूँ वैसे ही सेक्स कहानिया इस वेबसाइट पर लोगो ने भेजी है।
दोस्तों मेरी उम्र 23 साल है और आज तक मैंने सेक्स नहीं किया पर ये कहानी मेरी वो कल्पना है जो मैं सच करना चाहती हूँ। कल्पना की वजह से मैं काफी बार हस्तमैथुन भी कर चुकी हूँ।
मेरे पड़ोस में एक शादीशुदा मर्द रहता है उसका नाम सूरज है। उसका एक 4 साल का बेटा और मॉडल जैसी बीवी भी है। मुझे वो काफी पसंद है इस लिए मैं आज उसकी के साथ अपनी चुदाई कहानी शुरू करे वाली हूँ।
सूरज की की बीवी काफी पतली और मॉडल जैसी है और मैं कहा देसी आंटी या भाभी जैसी दिखती हूँ। इस वजह से मुझे ऐसा लग रहा था जैसे सूरज की कभी मेरी तरफ नहीं देखने वाले।
मैं कई बार उन्हें गुरती भी रहती इस आशा में की वो मेरे दिल की बात समज जाएंगे और मेरे साथ चुदाई करने होटल चलेंगे पर ऐसा नहीं हुई। मुझे अपने शरीर पर शर्म आती है।
उसकी बीवी मॉडल जैसी और मैं कहा सावली और देसी भाभी जैसी हूँ। मेरे ठन बड़े बड़े लटकने वाले है और गांड भी कुछ ज्यादा ही मोटी है। इसलिए मैं कभी छोटे कपडे नहीं पहनती थी।
बस सलवार कमीज पहना ही मुझे ठीक लगता था।
एक दिन जब अचानक बरसात शुरू हो गई तो मेरा उसमे नहाने का दिल किया। मैं जल्दी से ऊपर छत पर चली गई और तेज बरसात में झूम कर चाचने लगी।
तभी सूरज का बेटा भी अपनी छत पर आ गया बारिश में नहाने लगा। अब वो 4 साल का था तो कही बीमार न हो जाए इसलिए मैं सूरज जी बुलाने लगी।
सूरज जल्दी से ऊपर आए और अपने बेटे को डाटने लगे तभी उनकी बीवी ने बच्चे को उठाया और उसे सूखने के लिए निचे ले गई।
अब सूरज अपनी छत पर खड़ा मेरे भीगे बदन को देखे जाए और मैं भी अपने गीले शरीर को हिला हिला कर उन्हें दिखाने लगी।
मैंने कहा – सूरज जी आए न क्या कर रहे है !! चलिए थोड़ा मजा करते है !!
सूरज – अहम्म हाँ जी ओके !!
मैं छत की छोड़ी दिवार कूद कर सूरज के पास गई और उसका हाथ पकड़ कर उसे बारिश में खींच लिया।
सूरज मेरे साथ नहाने लगा और हर वक्त उसकी आंखे कभी मेरी छाती की दरार पर थी तो कभी गीले होठो पर।
मैं समज गई थी की अब सूरज की मेरे जाल में फस गए है।
धीरे धीरे सूरज की को सेक्स चड़ने लगा। मैंने जब नीचे देखा तो उनका लिंग हलकदा सा खड़ा हुआ था।
मैंने धीरे से उनके लिंग को अनजाने में छुआ और सूरज जी तो और पथर होने लगे।
उसके बाद शर्म से मारे उन्होंने अपने लिंग को छुपाना चाहा।
सूरज ने अपने लंड पर हाथ रखा और मुझे से पलट कर खड़े हो गए और बोले “रितिका अब मैं जा रहा हूँ मुझे भी ठण्ड लग रही है !!”
तभी मैं पीछे से आई और सूरज को गले लगा कर उनके लिंग पर अपने हाथ फेरने लगी।
अचानक सूरज की सासे अटक गई और वो वही रुक खड़ा हुआ।
मैंने धीरे धीरे उसकी पैंट की जीप खोली और उसका लिंग बाहर निकाल कर तेज बरसात में हिलाने लगी।
सूरज भी मजा आने लगा तो वो वही खड़ा आनंद लेने लगा।
उसके बाद मैंने अपनी नरम छाती पीठ पर रगड़ना शुरू कर डाला जिस कारण उसे और भी मजा आने लगा।
देखते ही देखते सूरज मुझे बरसात में चोदने के लिए तइयार हो गए और उन्होंने मुझे गले लगाया और मेरी गर्दन पर चूमने लगे।
मैंने भी जल्दी से अपनी सलवार खोली और उनका हाथ अपनी कच्छी में घुसा दिया। सूरज जी धीरे धीरे मुझे नीचे से रगड़ने लगे और मैं पूरा आनंद लेने लगी। उनके हाथ पैर कापने लगे थे।
उसका पूरा शरीर मुझे जबरदस्त चोदने के लिए पागल हुए जा रहा था।
मैं भी अंदर ही अंदर डरने लगी की कही सूरज जी मुझे छत पर तेज बरसात में चोदना शुरू न करदे।
दोस्तों काफी आनंद आ रहा था मुझे मैं सेक्सी सेक्सी आवाजे ले रही थी और मेरा बदन गर्म हो रहा था।
ठंडी ठंडी बारिद में हम दोनों एक दूसरे के गर्म शरीर को कभी छूते तो कभी दबाने लगे।
सूरज ने जल्दी से यहाँ वहा देखा और अपनी जीन्स खोल कर अंदर से लंड निकाल कर मेरे हाथ में थमा दिया।
उनका गर्म लिंग काफी सेक्सी और बड़ा था।
मैंने उसे अपने होठो में बड़ा होता हुआ महसूस किया जिस कारण मैं खुद गीली होने लगी।
सूरज का लंड नसों से भरा था उनके काले गोटे काफी भारी लग रहे थे।
मैंने अपने एक हाथ से उनके गोटे दबाना शुरू किया तो दूसरे के उनका लिंग हिलाने लगी इस तरह सूरज ने अपना एक हाथ मेरी गांड पर जमाया और मुझे पीछे से मसलने लगे। इस तरह खड़े खड़े हम दोनों बारिश में एक दूसरे के होठो को चुम रहे थे।
मुझे तो काफी मजा आ रहा था तभी अचानक उनकी बीवी ने उन्हें बुलाना शुरू कर दिया।
सूरज भाग कर गए और छत का दरवाजा ऊपर से ही बंद कर दिया।
दरवाजा बंद कर के मैंने दो पल की सास ली और अपनी सलवार वापस ऊपर चढ़ा कर बांधने लगी।
तभी सूरज मेरे पास आए और मुझे रोक दिया और कहा “क्या हुआ जा रह हो क्या ?”
मैंने कहा – सूरज जी वो इस तरह खुली छत पर मुझ से नहीं हो पाएगा हम फिर कभी करे ?
बस सूरज ने मेरा शरीर का चला वो तो उसकी कोमलता का दिवाने बन गए।
उन्होंने मुझे वापस पकड़ा और मेरी सलवार खोल कर नीचे बैठे और मुझे अचानक से चाटने लगे।
उनकी हॉट जुबान मेरी चुत को चारो तरफ से चाटने जा रही थी और मैं वही फस गई। सूरज ने मुझे जबरदस्ती अपनी हाथो से जकड़ लिए और मेरे चूतड़ों को पीछे से दबाते हुए मेरी चुत चाटने लगे।
तेज बरसात में वो सब काफी सेक्सी लग रहा था। इस तरह मेरी चुदाई की कहानी की शुरुआत हो गई। अब मेरी चुत की चुदाई ज्यादा दूर नहीं थी।
बरसात में चुदाई की कहानी तो आपको काफी सेक्सी लग रही होगी पर क्या आपको पता है सूरज की लिंग से भी पानी निकलने लगा था। उनकी जुबान मेरे अंदर से निकलने वाली मलाई को चाटना चाहती थी और उनका लिंग पीटना भूखा था की अपने भी से पानी टपकाने लगा।
सूरज मेरी चुत चाटते हुए अपने लंड को तेजी से हिलाने लगे। लंड हिलाते हुए उनकी सासे तेज होने लगी और वो मेरी चुत पर अपनी गर्म सासे छोड़ने लगे। देखते ही देखते सब कुछ इतना सेक्सी हो गया की मेरे तो रोंगटे ही खड़े हो गए।
इस तरह वो मुझे चाटते हुए अपने लंड को तेज रगड़ के लिए तैयार करने लगे। अचानक जैसे ही मेरा पानी झड़ने वाला था सूरज जी रुके और मेरी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर राखी और मुझे सहारा देते हुए एक पैर पड़ खड़ा किया।
इस तरह वो मेरी चुत में अपना सेक्सी लंड घुसाने लगे। उनका टोपा भटाक से मेरी चुत के अंदर घुसा और सूरज अपनी कमर हिला कर मेरी चुत में अपना लंड रगड़ने लगे।
मैं वैसी ही बेजान सी होकर किसी तरह सुरक के मर्दाना और ताकतवर शरीर को पकड़ कर खड़ी रही और सूरज अपनी मजबूत कमर से मुझे अंदर तक धके लगा कर चोदने लगे।
उस वक्त मैं तो मानो पागल सी हो गई इतनी चुदाई सहना मेरे बस की बात नहीं थी। सूरज ने मेरी सलवार और कच्छी उत्तर कर छत के कोने में फेक दी और मुझे चोदते हुए मेरे थन सूट के ऊपर से ही चूसने लगे।
मैंने अभी तक अंदर ब्रा पहन राखी थी और सूरज जी में इतना सेक्स भरा था की वो सब्र ही नहीं कर प् रहे थे। इतनी हवस थी उनमे की उन्होंने मेरे कपड़े उतारने तक में समय नहीं लगाया।
वो अपने होठो से मेरे निप्पल को चूसने लगे और मैं पागल हो गई। मेरे दोनों ठन उनके हाथो से लाल हो गए और चूचिया खड़ी होकर टाइट हो गई।
इस तरह दोस्तों वो मुझे चोदने लगे और बरसाती में चुदाई कहानी को और मजेदार बनाने लगे। मेरी चुत कहानी पूरी चुदाई से भरी हुई थी। मैं सूरज में मजबूत कंधो को चूमने लगी और उनकी गर्म सासे को अपने मुँह पर लेने लगी।
सूरज जी भट भट भट भट भट आवाज करते हुए मुझे बरसात में चोदते रहे और मैं चुदती रही।
मेरे शरीर का हर सेक अंग चुदाई से मिलने वाले आनंद से पागल हो रहा था।
मेरी गांड से जोर जोर से चुदाई की सेक्सी आवाज आने लगी जब सूरज ने अपना जोर बढ़ाया।
मेरे दोनों थन काबू से बाहर जाने लगे।
सूट के ऊपर से थन चूस चूस कर जब सूरज परेशान हो गए तो उन्होंने मेरी टांग नीचे राखी और अपने दोनों हाथो से जोर लगा कर मेरा सूट स्तनों की दरार की तफ से फाड़ डाला और ब्रा से बाहर खींच कर मेरे दोनों थन बाहर निकाल दिए।
उसके बाद बस मेरी बड़ी बड़ी कड़ी चूचिया और उनके गंदे होठो की जबरदस्त चुसाई।
उस वक्त मैं ये सोचने लगी की काश मेरे थनो से भी दूध निकलता तो सूरज की को कितना आनंद आता मुझे चूसने में।
हम पस चुदाई के नशे में पागल हुए जा रहे थे वो मुझे चूस चूस कर चोद रहे थे।
उसके बाद सूरज जी ने मेरी परे के बीच से अपने हाथ निकाले और मुझे हवा में उठा और चोदने लगे।
मेरी बड़ी सी गांड उनकी कमर पर जोर से झापड़ लगाने लगी और उनके नरम और गर्म माल से भरे गोते मेरी चुत पर पिटाई करने लगे।
लंड अंदर बाहर अंदर बाहर होता हुआ खुद तो लाल हुआ ही साथ में मेरी भी चुत में दर्द कर डाला।
अब और सहन हो ही नहीं रहा था तो मैंने चुत से मलाई निकालना शुरू कर दिया।
अब चुत और ज्यादा मुलायम हो गई और सूरज जी और जोर जोर से मुझे चोदने लगे और मेरे अंदर तक जा पहुंचे।
देखते ही देखते वो भी चिलाने लगे और मैं उन्हें कस कर गले लगा कर उनका लंड लेती रही। इस तरह उन्होंने मेरी चुत में अपना साला पानी निकाल दिया।
मुझे अपने अंदर एक गर्म पानी का सेहलाब सा महसूस हुआ जो आज तक की सबसे अच्छी फीलिंग थी।
मैं आनंद से पागल हो रही थी और मेरी एक टांग अपने आप ही काप रही थी।
मेरे दिमाग में एक अजीम सा नशा सा हो रहा था।
मुझे चुदाई की थकान से नींद भी आ रही थी और दिमाग में मजेदार नशा हो रहा था।
पर सूरज तो माल निकाले में बाद भी मुझे चोदने में लगे थे।
मेरी चुत और उनका पूरा लिंग गंदे सफ़ेद माल में लिप्त हुआ था।
सूरज को मैं इतनी सेक्सी लगी की वो खुद को रोना नहीं चाहते थे परमाल निकालने के कुछ 2 मिनट बाद उनका लिंग नरम होने लगा।
सूरज तक कर बेहाल हो गई और उनकी ताकतवर जंघे कमजोर होने लगी।
वो धीरे से अपने घुटनो पर बैठे और मुझे नंगी छत की जमीं पर लेता कर छोड़ दिया।
मैं उनके सामने टांगे खोल कर नंगी लेती रही और वो अपने एक हाथ से मेरे थन छूटे रहे और अपने लिंग से सफ़ेद माल साफ करने लगे।
एक शादी शुदा मर्द के साथ चुदाई करने का क्या आनंद है वो मुझे उस बरसात की चुदाई में पता लगा। शादी शुदा मर्द को पता होता है की कब क्या और इतनी जोर से करना है।
मैं वहा लेती बारिश का आनंद लेती हुए तेज सासे लेती रही और सूरज जी मुझे प्यार से देखते हुए हफ्ते रहे।
उसके बाद हमे कपड़े पहने और अपने अपने घर चले गए।
मैंने घर जाकर जल्दी से अपना फटा हुआ सूत बदला और चुपचाप सो गई।
मैं सूरज के बच्चे की माँ बना चाहती थी इसलिए मुझे कोई डर नहीं था पर उसी शाम सूरज मेरे घर आए और चुपके से मुझे बचा रोकने वाली गोली जबरदस्ती देने लगे।
अब मैं कर भी क्या सकती थी। अगर वो मुझ से बच्चा नहीं चाहती थी तो मैं कैसे उनपर बोझ बनती मैंने उसी पल वो गोली खा ली।
तो दोस्तों ये थी मेरी बरसात में चुदाई की कहानी अगर आपको मेरी हॉट चुत की कहानी पसंद आई तो मुझे मेल भेजे और बताए की मेरी कहानी किसी है।
साथ ही मुझे ये भी बताए की क्या आपको मेरी और चुत कहानियाँ पड़नी है की नहीं।