खाट पर भाई बहन की सेक्सी चुदाई भाग 2
अब दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खींच कर अपने साथ लेता लिया और मुझे गले लगा कर कहा !! क्या हुआ छोटू अब कर जो कर रहा था। दोस्तों ये मेरी भाई बहन चुदाई कहानी का दूसरा भाग है अगर अपने पहला भाग नहीं पढ़ा तो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर पढ़े।
अब उसके बाद दीदी ने आने एक जांघ मेरे पेरो के बीच घुसाई और मेरे लिंग को दबाने लगी मैं वही लेता लेता डर गया की अब दीदी क्या करने वाली है।
दीदी ने मेरी कमीज पड़ी और मुझे पास खींच कर होठो पर चूमने लगी। मैं भी मजे से हैरानी के साथ उसके होठो को चूसने लगा।
मेरा हाथ दीदी की कमर पर गया और वहा से नीचे जाकर उनके चूतड़ों को जकड़ लिया।
दीदी का शरीर इतना नरम था की मैं पता नहीं सकता। वो काफी आनंद ले रही थी मुझे होठो पर चूमते हुए।
मैं भी उनके कोमल और सेक्सी दूधिया शरीर को छू कर अपनी अन्तर्वासना को आग दे रहा था।
दीदी मेरे कान में धीरे से बोली “तुम्हे पता है मैं तुम्हे हमेशा इसी नजर से देखा करती थी शादी से पहले !”
ये सुनकर में हैरान था तो मैंने भी कहा “अच्छा फिर बताया क्यों नहीं ?”
दीदी – अब भाई बहन चुदाई का रिश्ता नहीं रख सकते थे न।
उसके बाद मैं भी हसने लगा और दीदी भी और हमदोनो खाट पर एक दूसरे के होठो को चूस कर आनंद लेते रहे।
दीदी ने अपने सुंदर हाथो से मेरे पजामे का नाडा खोला और अंदर हाथ डालकर गर्म लिंग का आनंद लेने लगी।
उस वक्त तक मेरा लिंग सही से खड़ा नहीं हुआ था। डर में मरे पूरा लंड बैठ गया।
जब दीदी ने उसे अपने हाथ में लिए और मुझे चूमने लगी और मैं उनके थन दबाने लगा तो मेरा लिंग धीरे धीरे बड़ा होने लगा।
दीदी अपने हाथ में लिंग बड़ा होता महसूस कर रही थी जो उन्हें काफी सेक्सी लगा।
वो अपनी बड़ी बड़ी आँखों से कभी नीचे देखती तो कभी मेरे चेहरे को।
उसके बाद धीरे धीरे मेरा पजामा नीचे किया और लिंग को अपने सेक्सी होठो से हिलाने लगा।
वो अपने कोमल हाथो से मेरा पथर सा लंड हिला रही थी और मैं आराम से देख रहा था।
उसके बाद दीदी नीचे गई और मेरा लंड धीरे से अपने होठो में दबाया और उसे चूसने लगी।
लंड चूस चूस कर उन्होंने अपनी साडी लिपस्टिक मेरे टोपे पर लगा डाली।
टोपे फूल कर पहले ही लाल था अब और लाल हो गया। दीदी लंड होठो से चूसते हुए मेरी गोटिया अपनी मुठी में दबाई और उन्हें भी मसलने लगी।
मुझे दर्द होने लगा पर दीदी रुकी नहीं।
देखते ही देखते नीचे का सारा कुछ पानी पानी थूक थूक हो गया।
मेरा पूरा लिंग दीदी के थूक से गिला हो गया। दीदी का इतना हवसी प्यार देख मुझ से भी रहा नहीं गया और मैं दीदी पर कूद पड़ा।
मैंने दीदी का ब्लाउज खोला और उनकी साड़ी उतार कर पेटीकोट उठा लिया और अंदर मुँह डालकर कच्छी नीचे कर दिया।
दीदी उस इस पल सासे अटक गई और वो इंतजार करने लगी की कब मैं उनकी चुत चाटुगा।
पर मैंने पहले उनकी सेक्सी मोटी जंघे चूमने लगा।
मैं कभी होठो से चूमता तो कभी अपनी जबान से चाटता दीदी देखते ही देखते गीली हो रही थी और उनकी चुत से रस मेरे मुँह पर टपक रहा था।
दीदी पागल हुए जा रही थी। वो अपना एक पैर खाट पर रख कर खड़ी थी और मैं नीचे पेटीकोट में घुसा उनकी टंगे चुम रहा था। कसम से काफी मजा आ रहा था दोस्तों।
उसके बाद मैंने दीदी की चुत पर हल्की सी जुबान चली और दीदी बोली “अह्ह्ह !!”
दीदी की इतने में ही आवाजे निकल रही थी तो मैं सोचने लगा की अगर अपना लंड डालूगा तो ये कितना चिलायगी।
उसके बाद मैं आगे पड़ा और दीदी की चुत पर अपने होठो से चूसे मारने लगा। दीदी को काफी आनंद पहुंचा और वो एक टांग पर खड़ी खड़ी कापने लगी।
पर मैं रुका नहीं कभी की चुत में अपनी जुबान घुसाता तो कभी ऊपर से चाटा। दीदी धीरे धीरे अपने भोसड़े से लम्बी लम्बी लार टपका रही थी।
मेरा मुँह दीदी की चुत की लार से भर गया था और मैं काफी स्वाद ले रहा था। चुत की सुगंद और स्वाद कुछ अच्छा नहीं था पर पता नहीं क्यों फिर भी मैं बड़ा आनंद ले रहा था।
उसके बाद दीदी के और ज्यादा देर खड़ा नहीं हुआ गया और वो बगल में पड़ी खाट पर जा गिरी और मैं समज गया की अब चुदाई का सही वक्त है।
मैं अपना पजामा पूरा उतारा और दीदी का पेटीकोट उठा कर उनके मुँह पर फेक दिया। उसके बाद मैं जबरदस्त तरीके से अपना लंड गीली चुत के अंदर घुसाया और दीदी के ऊपर लेट कर उनके ब्लाउज में हाथ घुसा दिया।
इस तरह मैं अपनी कमर हिलाने लगा और दीदी के कॉम ठन ब्लाउज के अंदर ही दबाने लगा और दीदी के चेहरा देख मजे लेने लगा।
दीदी ने अपनी आंखे बंद की और गहरी सासे लेते हुए लेती हुई मेरा लंड लेने लगी।
उसके बाद में दीदी का ब्लाउज खोला और दोनों थन बड़े बाद चूसने लगा और उनकी जाँघे खोल कर अपना लंड और अंदर घुसा दिया।
लंड अंदर जाते ही दीदी की चीख निकलने लगी और वो तेज सेक्सी आवाजे करने लगी।
मैंने जल्दी से उनका मुँह दबोचा और उन्हें चुप कर दिया।
देखते देकते रात के 3 बज चुके थे और मैं भाई बहन की चुदाई हो रहित ही।
मैं जोर जोर से छलांगे लगाने लगा और दीदी के ऊपर कूद कूद कर उनकी चुत में अपना लंड डालता रहा। इस तरह दीदी को भी मजा आ रहा था और मैं भी पूरा आनंद ले रहा था।
दीदी की चुत गिलगिली हो रही थी और लंड की रगड़ से गर्म हो रही थी।
दीदी का शरीर पसीने से गिला हो चूका था और उनके थनो पर मेरा थूक ही थूक था।
उनकी चुसाई और चुदाई मैं मजे से करे जा रहा था।
अहह दीदी अह्ह्ह अहह अहह उठ अहह !!
दीदी की गांड – भाट भाट भाट भाट भाट ठठा ठठा ठठा की अश्लील आवाजे निकाल रही थी।
बस ऐसे ही मैं झड़ने लगा और मेरा माल चुत के अंदर ही निकल गया।
माल निकलते ही चुत में भर गया और बाहर बेहने लगा।
मुझे अजीब सा दिमाग ने नशा हो गया और ऐसा लग रहा था जैसे शरीर पर से कोई मौज कम हो गया हो।
उसके बाद लंड अंदर डाल कर कुछ देर मैं दीदी के ऊपर ही पड़ा रहा और उनके कमर थनो को चूसता रहा।
दीदी भी वैसे ही तक टूट कर सो गई।
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी उसके बाद अगली सुबह दीदी ने कोई दवा ली और मुझ से कहा “टेंशन न ले बच्चा नहीं होगा !!”
ये कह कर दीदी वापस अपने घर चली गई।
तो दोस्तों ये थी मेरी भाई बहन की सेक्सी चुदाई कहानी।