कॉल बॉय जॉब इन दिल्ली
दोस्तों कॉल बॉय की जॉब तो हर लड़का करना चाहता है और ऐसा मैं भी चाहता था। ये काम मुझे सबसे ज्यादा मजेदार लगता था। आखिर करना ही क्या था अलग अलग लड़की, आंटी, भाभी और औरतो की होटलो में जमकर गांड चुत मारो और महीने के अंत में 30 से 40 हजार रुपए अपनी जेब में।
इसीलिए मैंने भी कॉल बॉय जॉब इन दिल्ली खोजनी शुरू कर दी। इस दौरान पहले तो मैं इंटरनेट पर खोजा और वहा मुझे कई सारे फ्रॉड लोग भी मिले। कई फ्रॉड लोगो से तो मैं बच गया पर कुछ तो मुझ से 10 हजार लेकर भाग गए। दोस्तों अगर आप किसी भी तरह की जॉब ढूंढ रहे है तो ये याद रखे की अगर सामने वाला अपने पहले पैसे मांग रहा है तो आपको समज जाना है की वो फ्रॉड है।
कुछ हफ्तों बाद मैं समज गया की ऑनलाइन की दुनिया में मुझे कुछ नहीं मिलने वाला। वैसे दोस्तों मेरा नाम शुभम मिश्रा है और मैं दिल्ली का रहने वाला 22 साल का लड़का हूँ। मेरा लिंग दिनरात गीली गहरी चुत तलाशता है और मैं उसे मजबूरन अपने टाइट कच्छे में बांध कर रखता हूँ।
दोस्तों ये मेरी पहली अन्तर्वासना कहानी है इसलिए मुझे मेल जरूर करना की कहानी किसी लगी। तो दोस्तों उसके बाद मैंने अपने कई दोस्तों से बात की और पता करने की पूरी कोशिश की की क्या दिल्ली और भारत में ऐसा काम होता है ? क्या मैं ऐसा काम कर सकता हूँ ? पर इन सवालो के जवाब किसी को भी नहीं पता था।
तो हार कर एक दिन मैं कोठे पर चला गया जहा मैं एक कामुक लड़की की जमकर चुदाई करने लगा।
उसकी चुदाई करते करते मैं सोचा क्यों न इस से पूछा जाए। जब मैंने उस लड़की से पूछा तो वो हस कर बोली तुम्हे ये काम क्यों करना है !!
मैंने कहा – वो सब छोड़ तुझसे जो पूछा वो बता।
रंडी – देख मैं तेरे लिए कुछ कर सकती हूँ पर फ्री में नहीं करने वाली। अगर तू बिना रुके 1 घंटा कर सकता है तो काम तभी मिलेगा तुझे।
मैंने कहा – हाँ हाँ ठीक है अभी तूने देखा नहीं कैसे गांड चोदी मेने तेरी।
दोस्तों इस तरह मुझे काम मिला एक आदमी मुझे फ़ोन पर बताता की मुझे कहा और कब जाना है और कैसे कपड़े पहन कर जाना है।
मुझे लगा की मुझे देसी लड़किया चोदने को मिलेगी पर ऐसा नहीं हुआ। वो आदमी मुझे केसा कच्छा पहना है कोनसा तेल लगाना है सब बताता और मैं दिल्ली में आमिर आंटी, भाभी और अलग अलग तरह की हॉट लड़कियों की चुदाई करने निकल पड़ता।
मैंने चुदाई एक पैसे वाली भाभी की कर डाली। डीलर ने मुझे जगह का नाम बताया और मैं वहा के लिए निकल पड़ा। मेरे कॉल बॉय जॉब इन दिल्ली का पहला दिन और पहली चुदाई।
शाम वक्त मुझे किसी सुनसान जगह पर भेजा गया जहा मैं खड़ा इंतजार करने लगा। मुझे नही पता था की कौन आने वाला है।
तभी एक औरत गाड़ी में बैठ कर मेरे सामने से गुजर रही थी और मुझे देख रुक गई।
मुझे लगा वो वही औरत है मैं आगे बड़ा और उसे अपना कोड वर्ड बोला जो था LS
LS का मतलब था लंड सर्विस अगर सामने वाली ने इसका जवाब हाँ में दिया तो मैं समज जाता हूँ की मुझे इसी की गांड तोड़नी है आज।
उस औरत ने हाँ बोला और मुझे गाड़ी में बैठने को कहा। मैं शर्माते हुए अंदर बैठा और
आंटी मुझे देख टेढ़े मुँह से बोली क्या हुआ पहली बार कर रहा है क्या ?
मैंने कहा नही नहीं सेक्स तो मैं कर चूका हूँ पर इस तरह नहीं।
आंटी अच्छा कर तो लेगा न तू। अगर पहले ठंडा हो गया तो मैं मेसे नहीं देने वाली।
इस तरह की बात करते करते मैं भाभी को ऊपर से नीचे देखने लगा।
भाभी थोड़े गुस्से में थे ऐसा लग रहा था जैसे पति से लड़ कर आई हो। उन्होंने काफी ज्यादा मेकअप लगा रखा था और उनकी छाती काफी फूली हुई थी।
वो बैठी थी तो मुझे गांड का पता नहीं लगा पर टाइट जीन्स में मोटी सेक्सी टांगे देख मैं उत्तेजित होने लगा और अगले ही पल मेरा लिंग तन गया।
मुझे समज नहीं आ रहा था की वो भाभी है या आंटी इसलिए दोस्तों मैं कभी कुछ लिख रहा हूँ कभी कुछ।
खेर भाभी ने जब मेरे लिंग को देखा तो चीला कर बोली ” साले चूतिया है क्या इतनी जल्दी क्या हो रही है तुझे कमरे में तो जाने दे। “
उसी वक्त मैंने सोच लिया इसकी तो गांड तोड़ दुगा आज।
भाभी किसी बड़े से होटल में मुझे ले गई और अंदर जाते ही वो बिस्तर पर लेट गई।
उन्होंने पहले तो मुझे कच्छा फेन कर नाचने को कहा।
मुझे मालिक ने जैसा कच्छा कहा था मैं वो साथ लेकर आया था। वो था और मेरा लिंग उसमे काफी मोटा दीखता था। ऊपर से अगर वो खड़ा हो तो लिंग नीचे से बाहर भी आ जाता था।
आंटी बिस्तर पर लेती और अपनी शर्ट उतार कर ब्रा में छुपे सेक्सी स्तन हिला कर मुझे दिखने लगी।
उन्होंने अश्लील गाना चला और मैं कच्छे में नाचे लगा। शर्म के मरे मेरा मुँह लाल होने लगा पर भाभी मजे से हस्ते हुए मुझे देखती रही।
भाभी के बड़े थनो से मेरा लिंग खड़ा हो गया और कच्छे के नीचे से टोपा बाहर निकलने लगा।
मेरा लंड देख भाभी की चुत गीली हो गई तो उन्होंने अपनी जीन्स उतारी और टांगे खोल कर मुझे चुत चाटने को कहा।
मैं धीरे से आगे गया और भाभी की झाटो वाली चुत पर मुँह मारने लगा।
पहले तो मुझे कुछ अच्छा नहीं लगा मैं बस चुत चाटता रहा तभी भाभी ने आने दोनों पैर मेरे कच्छे में घुसा दिए और मेरे लिंग को अपने बड़े बड़े पैर के नाखुनो से कुरेदने लगी।
जैसे जैसे भाभी अपने कोमल पैर मेरे लिंग पर रगड़ती रही वैसे वैसे मेरे लिंग से पानी छूटने लगा।
लिंग के एहसास से मुझे मजा आने लगा और भाभी की चुत मुझे शहद का छता लगने लगी।
उसकी मोटी सेक्सी जांघो को मैंने अपने दोनों हाथो से फैलाया और दिल लगा कर उनकी चुत को चाट कर भाभी को आनंद देने लगा।
उस वक्त मुझे पता लगा call boy job in delhi के लिए क्यों लोग इतने पागल है। अगर आपका दिल, दिमाग और शरीर बस चुदाई मांगता है तो कॉल बॉय जॉब इन दिल्ली सबसे अच्छी नौकरी है।
खेर सुंदर भाभी का शरीर गर्म होने लगा और मैं उनकी चुत से निकलने वाला तरल चाट कर साफ करने लगा।
भाभी शरीर हल्का हल्का कपकपाने लगा तो मैंने उनके स्तनों को जोर से अपने दोनों हाथो से जकड़ कर दबाना शुरू कर डाला।
भाभी को तभी न जाने क्यों गुस्सा आया और उन्होंने मेरे दोनों हाथो को पकड़ कर पीछे कर दिया और चीला कर कहा ” जितना बोलू जहा बोलू बस वो कर !! “
अब ये सिन धीरे धीरे मुझे बुरा लगने लगा। ऐसा लग रहा था की मैं बस एक गुलाम हूँ जो औरत के जिस्म को आनंद देने के लिए बना हूँ।
धीरे धीरे भाभी मुझे से हर वो गंदा काम करवाने लगी जो मैं करना नहीं चाहता था।
जैसे की उन्होंने मुझ से अपनी झाटो से भरी चुत चटवाई, अपनी गांड का छेद चटवाया इस सबके साथ साथ मुझे उनके दोनों पैर भी चाटने पड़े। ऊपर से भाभी ने मुँह से करीब 15 मिंट तक अपने पेरो के अंगूठे भी चुसवाए।
उसके बाद कही जाकर भाभी ने मुझे कंडोम पहने को कहा। मैंने कंडोम लगाया और भाभी की मोटी जांघो को अपनी छाती से लगा कर उनकी चुत में लंड डालने लगा।
भाभी ने धीरे से मुझे अपना टोपा अंदर बाहर करने को कहा और मैं करता रहा। मुझे डर था की मेरा लंड अपना थूक न निकाल दे वरना पैसे तो दूर की बात मालिक नौकरी से ही निकाल देगा।
मैं आंखे बंद किया और बस अपने लिंग को अंदर बाहर करने लगा। धीरे धीरे भाभी को जोरदार सेक्स चढ़ा और उन्होंने अनजाने में मेरी गांड पकड़ कर उसे अपने नाखुनो से नोचना शुरू कर डाला।
भाभी(हस्ते हुए) – अहह और और अहह अह्ह्ह !
जैसे जैसे भाभी की सासे तेज हो रही थी वैसे वैसे मैं अपनी कमर जोर जोर से उनकी मोटी रसीली गांड पर मरने लगा और उन्हें सेक्स का पूरा आनंद देने लगा। इस तरह मैंने अपनी कॉल बॉय जॉब इन दिल्ली की शुरुआत की और जमकर सेक्स किया।
मैं अपनी पतली कमर पीछे लेजाता और झटके से भाभी के चूतड़ों पर दे मारता। चुदाई की आवाज पुरे कमरे में गूंजने लगी और सारी जगह भाभी की चुत की महक फैलने लगी।
जोश में आकर मैंने भाभी की ब्रा में हाथ डाला और स्तनों को बाहर निकाल कर चूसने लगा।
सेक्स करते हुए भाभी को गुसा आया और उन्होंने मेरे मुँह पर खींच कर एक चाटा मार दिया।
मैंने चुदाई करते हुए कहा – अहह अहह !! क्या हो गया भाभी !!
भाभी ने मेरी गर्द जकड़ी और कहा – मेरे स्तनों पर कोई निशान आया न तो मेरे पति को पता लग जाएगा इसलिए नहीं करने दे रही तेरे मालिक ने कुछ समझाया नहीं क्या !!
बस ये सुनकर मेरा मन बैठ गया क्यों की भाभी के स्तन इतने कोमल और बड़े बड़े थे की कई भी इंसान उन्हें देख रुक नहीं सकता। साला मुँह से पानी सा निकल रहा था उन्हें देख पर मैं उन्हें चूसना तो क्या पकड़ भी नहीं सकता था।
इसी तरह चुदाई करते करते आधा घंटा निकल गया। दोस्तों मेरा जब भी निकलने वाला होता मैं अपनी उनलगी को जोर से काटता और अपने गोटो को दबा कर उन्हें नीचे खींचता।
इस तरह मैं अपने माल को बाहर निकलने से रोकता। और इसी तरह मैं भाभी को छोड़ता रहा। और अगर इन दोनों में से कुछ भी काम नहीं आता तो मैं लिंग बाहर निकाल कर भाभी की चुत चाटने लग जाता।
इस तरह भाभी को पता ही नहीं लगा की मेरा निकलने भी वाला था।
मेरे लंड से भाभी का पूरा शरीर गर्म और पसीने से गिला हो गया। होटल के कमरे में AC तो चल रहा था पर मैंने चुदाई ही ऐसी करि की बस भाभी को मजा ही आ गया।
अब देखते ही देखते भाभी पागल सी होने लगी जो पागल जानवर की तरह आफ़ते हुए सेक्सी आवाज करने लगी। धीरे धीरे मैं ये बात ही बुल गया की मुझे सिर्फ वो करना है जो भाभी मुझे करने को कहेगी।
मैं भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की चुत मारने लगा। जोश में आकर मैंने भाभी की कमर पकड़ी और उनकी पीठ को चाटने लगा।
चाटे हुए मैंने पीछे से उनकी ब्रा खोल डाली और उनके स्तन नीचे लटकने लगे जो मेरे हर एक झटके के साथ आगे पीछे हिल रहे थे।
मैंने अपने हाथ आगे बढ़ाए और नीचे से उनके दोनों स्तनों को हाथ में लेकर सहारा देने लगा।
मुझे डर था की भाभी फिर कुछ न बोल दे और कही नाराज होकर मालिक से कुछ न बोले पर वो तो मेरे लंड से इतनी उत्तेजित हो राखी थी की उन्हें कुछ पता ही नहीं लगा।
मैं उनके स्तन पकड़ा और दोनों मोटी मोटी चूचिया अपने उंगलियों के बीच लेकर दबाने लगा।
देखते ही देखते दोनों निप्पल्स लाल हो गए और काफी ज्यादा दानेदार होने लगे।
और करीब से देखने के लिए मैंने भाभी को वापस पलटा और उनके स्तनों को हाथ मेकर दबाता रहा।
साथ ही मेरी चलती रही और भाभी की लसलसी चुत चुदती रही।
भाभी के स्तन देख मेरी हवस और जोश बढ़ने लगा और मैंने एक एक करके दोनों स्तनों पर जोर जोर से चूसना शुरू कर डाला।
अचानक दोनों में से दूध बाहर निकलने लगा और भाभी की पूरी छाती गीली करने लगा।
मेरे मुँह में अचानक दूध बर गया और भाभी मेरी आँखों में देखते हुए अपना मुँह खोली।
मैंने आगे बढ़कर भाभी के मुँह के अंदर उनका ही दूध थूक दिया और भाभी उसे अपने गले के नीचे उतार बैठी।
कामुक होकर मैं भाभी के होठो पर चूमने लगा और उन्होंने मुझे अपने टांगो से जकड़ डाला।
इसी तरह चोदते हुए भाभी की चुत से थोड़ा सफेद माल बाहर आया भाभी का शरीर कापते हुए तड़पने लगा।
मौका देख मैंने भी भाभी की चुत होटल के कमरे में जोर जोर से मारनी शुरू कर डाली और देखते ही देखते हमारे लिंग पर सफ़ेद माल की परत चढ़ गई।
और मैं मुलायम चुत के अंदर ही अपना माल झाड़ दिया। पर दोस्तों मैंने कंडोम पहना था। माल झाड़ कर मैं थक कर बेहाल हो गया और भाभी के ऊपर गिर पड़ा।
मैं अपना मुँह भाभी के स्तनों के अंदर रख कर वही बेजान होकर कुछ देर पड़ा रहा। इतने में भाभी ने अपनी साल भरी और मुझे अपनी चुत चाटने को कहा।
पर उस वक्त मुझे तेज नींद आ रही थी और मेरा लंड भी झड़ चूका था साथ ही अब चुत की हालत और ज्यादा बेहाल हो राखी थी।
चुत झाटो से भरी थी यहाँ कुछ झांटे टूटी हुई भी थी अगर मैं मुँह मारता तो एक आधा बाल मेरे मुँह में भी आ जाता। साथ ही चुत मेरे भाभी के गंदे रस से सनी हुई थी जिसे चाटने का मेरा बिलकुल भी मन नहीं था।
पर भाभी की बात मैं न नहीं कर सकता था। भाभी ने मुझे गुस्से में बड़ी बड़ी आंखे दिखाई और मुझे उनकी चुत चाटनी पड़ी।
मैंने चाट कर चुत पर लगा सारा सफ़ेद माल साफ किया और इस तरह भाभी मेरी लंड सर्विस से खुश हो गई।
कुछ देर आराम करने के बाद मैंने कपड़े पहने और वही से चला गया जाते जाते भाभी ने मेरी गर्दन पकड़ी और मुझे पास खींच कर अंग्रजी में कहा ” गुड बॉय !! ”
और बस दोस्तों इसी तरह मैंने अपनी पहली अपनी कॉल बॉय जॉब इन दिल्ली पूरी की और जबरदस्त गंदे सेक्स का आनंद लिया। अब धीरे धीरे ये सब कर मुझे घिन कम और आनंद ज्यादा आने लगा।
अब मैं दिल्ली की अलग अलग आंटी, भाभी, औरत, लड़की की चुत गांड चाटता और चोदता हूँ। हाला की ये बात अलग है की हर लड़की मुझ से कोई न कोई गंदा काम जरूर करवाती है जैसे की कोई मुझे अपनी चुत का पानी पिलाती है तो कई मुझे अपने लंड का माल खुद ही खाने को कहती है।
अब ये सब मेरे लिए आम बात है और मैं ये सब ख़ुशी से करता हूँ। ये काम करते हुए मुझे बस आधा साल ही हुआ है। कई बार मुझे सुंदर और सेक्सी लड़कियों की चुदाई करने को मिलता है तो कभी रंडी और बदसूरत पर जो भी हो ये मेरा काम है।
अगर लड़की ज्यादा गन्दी होती है जिसे देख लंड भी खड़ा नहीं होता तो मुझे उसके मुँह पर कपड़ा रख कर चोदना पड़ता है। तो दोस्तों ये थी मेरी हॉट कॉल बॉय जॉब इन दिल्ली की कहानी अगर अच्छी लगी तो मुझे मेल जरूर करना।