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चाची और पापा की कुश्ती ! भाग-1

आधी रात को पापा चाची के कमरे में घुसे और उन्हें दबोच कर उनके साथ कुश्ती करने लगे। दोस्तों मेरा नाम रवि किशन है और मैं लखनऊ का हूँ। मैंने आज से पहले कभी इतना सेक्सी नजारा नहीं देखा था जो उस रात देखा। चाची और पापा की कुश्ती देख पहले तो मैं तालिया बजाया और उसके कुछ देर बाद अपने लंड को बभी बजाय। 

मेरी antarvasna kahani अंत तक पढ़ना क्यों की इसमें आपको कभी तो हसी आएगी तो कभी सेक्स चढ़ेगा। 

मेरे पापा एक छोटी सी परचून की दुकान चलाया करते थे और चाचा ट्रक ड्राइवर थे इसलिए कभी कभी तो वो घर ही नही आया करते। 

मेरी माँ एक छोटे से स्कूल में बच्चो को पढ़या करती थी। और मैं 24 साल का लड़का यही सोच सोच कर परेशां हो रहा था की अब मुझे आगे की ज़िन्दगी में करना क्या है।  

बस इसी तरह ज़िन्दगी चल रही थी। न मुझे किसी लड़की ने प्यार दिया और न ही चुत। पर मेरे पापा तो बड़े हरमी थे। 

मैं कई बार चाची और उन्हें अकेले में बात करते देखा और जब भी कोई उनके आसपास आता तो वो चुप हो जाते। 

मैं कभी समज नही पाया की  उनके बीच चल क्या रहा है। इसी तरह कुछ महीने निकल गए और मुझे धीरे धीरे चीज़े साफ दिकने लगी। 

पापा और चाची ने काफी समय से नाजायज़ संबंध बना रखे थे। जिसका किसी को पता नहीं था। चाचा के ज्यादातर बाहर रहने की वजह से पापा को अपना पता फेकने का मौका मिला और चाची उनके लंड के नीचे आ दबी।  

अब क्यों की वो मेरे पिता है मैं किसी को कुछ नहीं बताया पर मेरी ही आँखों के सामने उनका रोमांस और बेशर्मी बढ़ने लगी। पापा को जब मौका मिलता चाची के साथ गन्दी बाते करने लग जाते।

हदे तो तब पार हुई जब एक रात मैं अपनी पीने उठा और मेरी नजर पापा पर पड़ी। मेरा परिवार घर के नीचे वाले फ्लोर पर रहता था और चाचा का ऊपर वाले में। 

पापा धीरे धीरे नंगे पाव ऊपर जा रही थी जिन्हे मैंने पीछे से देख लिया। उन्हें देख मैं भी उनके पीछे पीछे निकल लिया। 

पापा सीधा ऊपर जाकर चाची के कमरे में घुस गए। अंदर घुसकर उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। अब क्यों की दरवाजा लकड़ी का था उसका एक कोना टुटा हुआ था। मैं जल्दी से पास पड़ी पानी की बाल्टी उल्टा रखा और उसके ऊपर चढ़ कर टूटे हुए कोने से अंदर देखने लगा। 

अंदर चाची सो रही थी और पापा अचानक उनके ऊपर कूदे और उन्हें दबोच कर चूमने लगे। 

पापा पूरी बेशमी और बेखौफ होकर चाची के निजी अंगो को दबा और रगड़ रहे थे। ऊपर से चाची भी शर्माते हुए हसने लगी। उसके बाद चाची ने पापा को धका दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें होठो पर चूमने लगी। 

पहले तो चाची और पापा की कुश्ती देख मैं हैरान हो गया और उन्हें ऐसी अश्लील हरकत करता देख मुझे बड़ा मजा आया पर उसके बाद जैसे जैसे पापा चाची के ऊपर नीचे हर जगह से रगड़ने लगे मेरा भी लंड खड़ा होकर अपनी टपकाने लगा।  

मेरी चाची 34 साल की थी और उनका शरीर काफी बड़ा और कोमल था। बड़े गोले लटकते थन और बड़े बड़े चूतड़ मेरी चाची को एक कमाल की महिला बना देते है। उनका शरीर देख दुनिया का हर आदमी उन्हें चूसने चोदने के बारे में ही सोचेगा। 

वैसे तो मैंने आज तक उन्हें ऐसी नजरो से नहीं देखा था पर जिस तरह से पापा उनके सुंदर होठों को चूमते हुए उनकी छाती दबा रहे थे मैं तो मुट्ठी मारने के लिए मजबूर हो गया। 

पापा उन्हें होठों को चूमते हुए उनकी गर्दन पर आए और उसके बाद ब्लाउज के अंदर छुपे स्तनों की चोटियों को दबाते हुए ऊपरी स्तनों को चूसने लगे। 

इतने में चाची ने खनकती चुडिया उतारी और अपनी साड़ी में हाथ डालकर चुत रगड़ने लगी। बस इसी तरह चाची और पापा की कुश्ती चली और मैं बाहर खड़ा अपने सूखे लंड को ठण्ड में हिलाता रहा। 

देखते ही देखते धीरे धीरे चाची अपनी चुत रगड़ते हुए अपना दूसरा हाथ पापा के पजामे में डाली और उनके गर्म लिंग को अंदर ही अंदर हिलाने लगी।   

उनके बाद पापा ने बेसब्री से अपने कापते हुए हाथो से चाची के ब्लाउज को खोलना शुरू किया। 

ब्लाउज खुलते हुयी उनके बड़े बड़े पहाड़ शामे आ गए और पापा से दोनों को उनकी चोटिओ से चूसना शुरू कर दिया। पापा इतने उत्साहित थे की उन्होंने ब्रा के ऊपर से ही चाची को जबरदस्त तरीके से चूसना शुरू कर दिया। 

तभी चाची ने अपने दोनों हाथ निकाले और पापा को पीछे कर के धीरे से कहा “अरे रुको न इतनी जल्दी क्यों हो रही है पहले ये तो उतार दो !!”

उसके बाद पापा ने गहरी सासे येते हुए हाँ कहा और चाची के पीछे बैठ कर ब्रा को खोल दिया। 

ब्रा खुलते हुए नीचे गिरी और चाची के भारी स्तन लटकने लगे। पापा ने अपने दोनों हवन से हाथो को आगे बढ़ाया और पीछे से दोनों थन दबोच कर उन्हें दबाने लगे।

वो कभी उनकी सेक्सी चूचिया दबाते तो कभी पुरे दूध को जकड़ लेते। देखते ही देखते   चाची के दोनों थान लाल हो गए और चूचिया मोटी हो गई। 

चाची पूरी कामुक हो चुकी थी और लंड लेने के लिए पूरी तैयार थी। अब पापा ने अपना लंड निकाला और चाची की साड़ी खोल कर 69 पोज में लेट गए। 

पापा मेरी आँखों के सामने चाची की गीली चुत को खोल खोल कर देख रहे थे। और धीरे धीरे उनकी चुत बभी चाटी रहे थे। पापा ने उनके मोटे चूतड़ों को खोला और अपना मुँह घुसा कर उनकी गांड चुत के छेद गीले करने लगे। 

दूसरी तरफ चाची भी लंड का टोपा पूरी जान से उनके लंड का टोपा होठों से चूस रही थी। 

देखते ही देखते पापा का लंड चाची के थूक में लिपट गया और चुत का पानी पापा के मुँह पर लिब्ड गया। 

दोस्तों ये थी मेरी चाची और पापा की कुश्ती का पहला भाग। मैं दूसरा बहग लेकर जल्द हाजिर होउगा।

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