चाची और पापा की कुश्ती ! भाग-2
चाची को 69 पोज में चाटने पापा ने चुदाई शुरू कर दी। दोस्तों मेरा नाम रवि किशन है और ये मेरी सेक्सी कहानी का दूसरा भाग है। पहला भाग पढ़ने के लिए आप यहाँ क्लिक करे। चाची और पापा की कुश्ती ! भाग-1
अब दोस्तों बाहर खड़े खड़े मेरे पैरों में दर्द होने लगा पर अंदर का नजारा देख मैं वहा से जाना नहीं चाहता था। पापा से साड़ी तो खोल ही दी थी उसके बाद उन्होंने चाची को लेटाया और पैर कोहल कर उनकी चुदाई करने लगी।
बाहर से मुझे बस अपने बाप की नंगी गांड दिख रही थी जो आगे पीछे हिलकर चाची की चुत चोद रही थी। इस तरह की चाची और पापा की कुश्ती देख मैं शर्म से लाल तो हो गया पर मेरा टोपा अंदर की चुदाई देख लाल हुआ।
पापा जोर से अपनी गांड आगे तो कभी पीछे हिला रहे थे और चाची की तेज सासो की सेक्सी आवाज मुझे सुनाई दे रही थी।
चुत चोद चोद कर पिता जी जानवर की तरह घराने लगे और उनका शरीर किसी मशीन की तरह चलने लगा।
चाची – अहह अहह !! धीरे कीजिए वरना सबको पता लग जाएगा !!
पिता जी – नहीं सब सो रहे है फ़िक्र मत करो डार्लिंग !!
चाची – मेरी अहह ! मरी चुचिया चुसो ना !!
उसके बाद पापा ने चाची की बात मानी और आगे झुक कर उनके थन दबोच लिए और उन्हें सेक्सी तरीके से दबाते हुए चूसने लगे।
चाची के बड़े बड़े पानी के गुब्बारे देख मेरा मुँह लार टपकाने लगा। मेरा लंड जल्दी न छाडे इसलिए मैं उसे धीरे धीरे हिलाता रहा पर पापा तो काफी उछाल कूद कर उचाई कर रहे थे।
मैं पापा की हवस देख हैरान था। उन्होंने चाची को अपने हाथो से जकड़ रखा था और अपने होठों से उन्हें चुस रहे थे।
टंगे खोल कर चोदने के बाद उन्होंने चाची को जल्दी जल्दी घोड़ी बनाया और खुद बिस्तर पर चढ़ कर उन्हें पीछे से चोदने लगे।
पापा ने पीछे से चाची की सेक्सी कमर को अपने दोनों हाथो से जकड़ा और अपने कूल्हे हिला हिला कर चुत की चुदाई करते रहे।
चाची की गांड पर जोर दार धके मरते हुए पापा गन्दी और अश्लील आवाजे निकालने लगे।
मुझे पीछे से बस चाची के पैर और जाँघे दिख रही थी जिसके ऊपर मेरा बाप अपनी गांड हिला हिला कर जबरदस्त चुदाई कर रहा था।
मैं लंड हिलाते हुए उनकी चुदाई देखता रहा और पापा अपने गोटे जोर जोर से चुत के बाहरी हिसे पर मार मार चुत को लाल करते रहे।
साथ ही उन्होंने अपने दोनों हाथो को आगे बढ़ा कर चाची के लटकते थान पकड़ लिए और उन्हें सहारा देने लगे।
चाची – अहह हाँ मेरे थन पकड़े रखना ऐसे सेक्स करने से ये लटक जाते है !!
पापा – अरे पगली मुझे लटके हुए ही तो पसंद है !!
उसके बाद मेरा बेशर्म बाप चाची के नरम स्तन बेरहमी से नोचने दबाने लगा।
और देखते ही देकते चाची छटपटा कर उनका हाथ अपने स्तनों से हटाने लगी।
पर मेरा बाप किसी खटमल की तरह उनसे चिपक गया और थन दबा दबा कर चुत चोदता रहा।
उसके बाद ऐसा सेक्स देख मुझ से रुका नहीं गया और मैं अपना हाथ तेजी से चला कर अपने लंड को पीटने लगा।
और बस आगे 2 मिंट बाद मेरा लंड रो पड़ा। उसके बड़े बड़े आंसू निकल कर मेरे पेरो पर गीर गए।
उस दौरान पापा जोर जोर से चाची की गांड पर अपने गोटे मार रहे थे और रसीली गांड का पूरा मजा ले रहे थी।
बस तभी पापा भी – अह्ह्ह अहह उह्ह !! निकलने वाला है !! अहह !!!
चाची – अरे नहीं अंदर नहीं अंदर मत छोड़ना !!
उसके बाद पापा शांत हो गए और वो बिस्तर से उत्तर गए। पर चाची ऐसी की ऐसी घोड़ी बनी रही और हांफती हुए सासे लेने लगी।
जब पापा हेट तो मुझे चाची की सुंदर गांड देखने का मौका मिला।
चाची की पूरी गांड और दोनों चूतड़ पापा के धको से लाल हो राखी थी और उसपर पापा के लंड का रस लगा था।
साथ ही साथ चाची के चुत का रस बभी चुत के मुँह से टपक रहा था। पापा चुदाई करने के बाद जल्दी जल्दी अपना पजामा पहने लगे और चाची को बोले “अहह आज तो मजा ही आ गया !!”
बस उस वक्त मैं भी वहा से भाग गया पर मुझ से एक गलती हो गई। की मैंने वह बाल्टी उलटी छोड़ दी और ऊपर से मेरे लंड का माल भी वही गिरा था।
जिसे देख पापा समज गए की मैं यहाँ क्या कर रहा था।
अगले दिन न तो उन्होंने मुँह से नजर मिलाई और न तो मैंने। तो दोस्तों ये थी मेरी पारिवारिक सेक्स स्टोरी अगर आपको जरा भी अच्छी लगे तो मुझे मेल करना।