अकेली रहने वाली देसी भाभी की देसी चुदाई
दिल्ली की रहने वाली देसी भाभी को पटा कर मैंने तो जबरदस्त चुदाई की पर फिर भी मेरे लिंग को शांति न मिली। दोस्तों मेरा नाम है गुडू और आज मैं आपको अपनी देसी चुदाई कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मैंने इस कहानी में कुछ भी अपने बारे में सच नहीं बताया है। लेकिन ये सच जरूर है की मैंने भाभी की चुदाई दिल्ली में की थी।
मैं DU कॉलेज में पढ़ने वाला एक आम लड़का था उस वक्त मेरी उम्र 24 थी और मैं कॉलेज के साथ साथ जॉब भी करता था। एक दिन जब मैं कॉलेज से घर आ रहा था तो एक भाभी मुझे रासे में मिली।
वो काफी सेक्सी थी और उनका पहनावा पूरा देसी था। भाभी शॉपिंग कर के घर जा रही थी और ऊके पास काफी सारा सामान था। भाभी बस स्टॉप पर खड़ी बस का इंतजार कर रही थी और अस पास के सरे मर्द उन्हें देख सेक्स के सपने देख रहे थे।
भाभी की कमर नरम और मोटी थी पर उनकी गांड और स्तन से तो छोटी थी। मैं जा कर उनके बगल में खड़ा हो गया। भाभी ने अपने बच्चे के लिए एक छोटी साइकिल भी ली थी।
जैसे ही बस आई सब भाग कर उसपर चढ़ने लगे पर मैं भाभी को देखता रहा। जब भाभी साइकिल और अपना सामान बस पर चढ़ा नहीं पाई तो बस चलाने वाला चीला कर मोला ” जल्दी करो मैडम जी !! “
उसकी तेज और सख्त आवाज से भाभी डॉ गई और जल्दी जल्दी सामान चढाने लगी तभी मैं पीछे से आया और उनकी साइकिल उठा और बोला ” ये मैं उठा लेता हूँ !! “
भाभी मुझे मुस्कुरा कर देखने लगी और बस पर चढ़ गई। जैसे ही वो बस पर चढ़ी बस चलाने वाला आंखे बड़ी बड़ी कर भाभी की छाती देखने लगा।
कुछ देर बाद जब बस कंडक्टर पैसे लेने आया तो भाभी ने अपने ब्लाउज में हाथ डाला और स्तनों के अंदर से बटुआ निकाल कर उसे पैसे देने लगी।
मैं और मेरे साथ खड़ा कंडक्टर अपने मुँह का थूक गले से नीचे लेते हुए भाभी की छाती और पूरा शरीर देखने लगे।
कुछ देर बाद जब मेरा उतरने का स्टॉप आया तो मैं वही उत्तर गया और भाभी भी वही उत्तर गई। मुझे तो दूसरी बस पकड़नी थी पर भाभी वही कही रहती थी।
उतरते ही भाभी मुझे देखने लगी और बोली तू यही रहते हो क्या ?
मैं समज गया था की भाभी ऐसा क्यों पूछ रही थी इसलिए मैंने उन्हें कहा हाँ मैं यही रहता हूँ अगर आप चाहे तो मैं आपकी हेल्प कर सकता हूँ।
भाभी कुश हो गई तो उन्होंने मुझे अपना आधा सामान दे दिया और हम हल्की फुलकी बाते करते करते उनके घर तक जाने लगे।
भाभी – तुम क्या कॉलेज जाते हो या जॉब करते हो ?
मैंने कहा – दोनों करता हूँ मैं और आप ?
भाभी – मैं जॉब करती हूँ और बस अपने बेटे को संभालती हूँ।
मैंने कहा – आपके हस्बैंड कही गए है क्या जो आप इतना सारा सामान अकेले लेने गई थी ?
भाभी – नहीं वो हम अलग रहते है। हमारे बीच कुछ सही नहीं चल रहा।
उसके बाद मैं उनके घर गया और वो मुझे चाय मैंने के लिए कैसे लगी। मैं वह रुका और भाभी के बेटे के साथ दोस्ती कर लिया।
उसके बाद मैं कई बार भाभी के बेटे के साथ खेलने और उसे पढ़ने गया और भाभी को भी मुझ से मिलने पर अच्छा लगने लगा पर मैं तो बस उनके शरीर को करीब से देखना चाहता था।
कुछ दिनों में ही भाभी को पता लग गया की मैं उनके घर बार बार क्यों आता हूँ और उन्हें कैसे देखता हूँ। ये बात भाभी को भी शयद अच्छी लगी क्यों की उन्होंने काफी समय से सेक्स नहीं किया था और मैं देसी भाभी की देसी चुदाई करने के लिए पूरा तैयार था।
उस दिन भाभी का बेटा स्कूल में था इसलिए मैं और भाभी साथ बैठे बाते कर रहे थे। तभी भाभी सेक्सी तरीके से मुझे देकते हुए बोली तुम्हारी और गर्लफ्रेंड है ?
मैंने कहा नहीं तो भाभी मेरे करीब आकर बोली ” क्यों तुम्हारा कभी वो करने का दिल नहीं करता क्या ? “
उस वक्त मैं कुश हो गया और मैंने कोई वजब न देखर भाभी के सेक्सी होठो पर अपने होठ चिपका दिया और उनकी सेक्सी कमर को हाथो से पकड़ लिया।
भाभी ने मुहे धका दिया और कहा ” मैंने नहीं सोचा था की ये सब इतनी जल्दी हो जाएगा। “
मैंने कहा – आज नहीं तो कल होना था !!
और हम चूमा चाटी करने लगे।
मैं भाभी का हाथ पकड़ कर खींचा और उन्हें अपनी गोद में बिठा और चूमने लगा। भाभी को भी पहली बार अपनी चुदाई की इच्छा पूरी करने माँ मौका मिल गया।
चीमा चाटी करते करते मैं भाभी छाती पर आया और उनके दोस्तों स्तनों को ऊपर से चूमने लगा। भाभी सेक्सी मुस्कान देकर अपना ब्लाउज खोली और अपनी ब्रा से अपने बूब्स बाहर निकाल कर मुझे देखने लगी।
उन्होंने अपने निप्पल्स को पकड़ा और मेरे मुँह से सामने कर दिया। बस दोस्तों निप्पल्स देख मेरे टटो में उथल पुथल चालू हो गई और मेरा लंड कड़क हो गया।
मेरा खड़ा लंड मेरी पैंट से दिखने लगा और भाभी उसे देख शर्माने लगी। मैंने भाभी का हाथ पकड़ा और अपनी पैंट से लंड निकाल कर उनके हाथ में पड़ा दिया।
भाभी शर्म के मारे मुझ से आंखे न मिला कर खिड़की से बाहर देखने लगी। वो धीरे धीरे मेरे लिंग को हिलाती रही और मैं उनके सेक्सी निप्पल्स और नरम छाती को चूसता रहा और उनकी कमर गांड को अपने दोनों हाथो से सहलाता रहा।
भाभी की कच्छी मैंने उनकी साड़ी के ऊपर से पकड़ी और उसे अलग अलग जगह से खींचता रहा ताकि भाभी की चुत कच्छी की रगड़ से गीली हो जाए।
तभी भाभी ने मेरी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया और मैं और ज्यादा सेक्सी फील करने लगा। मैं भाभी को अपनी बाहरो में लेकर सोफे के पास गया और उन्हें वह लेटा कर उनके सारे कपड़े धीरे धीरे उतारने लगा।
भाभी के हाथ मेरे शरीर से हट ही नहीं रही थे वो बार बार मेरी जाँघे और छाती अपने हाथो से छू रही थी।
कपड़े उतारने के बाद मैं अपना लंड लेकर भाभी के सर के पास खड़ा हो गया और अपने एक हाथ से उनकी चुत में उनलगी करता रहा।
दोस्तों अगर आपको भी मेरी तरह कुछ भला और अच्छा कम करेंगे तो आपको भी इतनी सेक्सी भाभी की चुदाई करने का मौका जरूर मिलेगा।
मैं उनके मुँह में अपना टोपा घुसाया और धीरे धीरे कमर हिला कर उनका मुँह चोदता रहा। उस दिन मुझे पता लगा की जैसी चुदाई अंग्रेज लोग दिखाते है वैसा असली में कभी नहीं होता।
भाभी मेरा लंड मुँह में नहीं ले प् रही थी। उन्हें बार बार खासी आ रही थी और मेरे लंड के टोपे पर काफी दर्द भी हो रहा था। दोस्तों पहली चुदाई में सबको दर्द होता है।
कुछ देर में ही भाभी मदहोश हो गई और उन्होंने अपने दोनों पैर फैला कर मुझे चुदाई के लिए इशारा दिया। मैं लपक और भाभी के ऊपर चढ़ा और उनके भोसड़े में अपना लंड गुसा कर चुदाई शुरू कर दिया।
भाभी को छूट अंदर से गर्मागर्म और ऊपर से छाती नरम मैं तो बस स्वर्ग जा चूका था उस करत।
मुझे भाभी को पहले संतुष्ट करना था इसलिए मैं आंखे बंद कर के जितना तेज चोद सकता था चोदा। मैंने आंखे इसलिए बंद की क्युकी मैं नहीं चाहता था की भाभी को देख मेरा पानी निकल जाए पर ऐसा नहीं हो पाया।
जब भाभी के थान मेरे सामने उछाल कूद करने लगे तो मैं भी और ज्यादा चरम सुख के करीब आ गया।
तब मैंने अपना लंड बाहर निकला और भाभी की चुत में ऊँगली करता हुआ उन्हें होठो पर चूमता रहा।
कुछ देर बाद जब मेरा लंड शांत हुआ तो मैं दोबारा उसे चुत में डालकर चुदाई करने लगा।
इस तरह मैंने भाभी को चोदते चोदते 2 घंटे निकाल दिए और भाभी न माल निकल गया।
माल निकलने के बाद भाभी का मानो मन उत्तर गया और वो मुझे अपनी चुत में लंड ही नहीं डालने दे रही थी।
तो मैंने जबरदस्त उनकी टांग खोली और उनकी चुत सेक्सी तरीके से चाट कर कहा ” हमने पहले तुम्हारी जरूरत पूरी की है अब तुम हमारी करो !! “
मेरा मर्दाना और रोबदार तरीका देख भाभी मान गई और वो मेरे सामने एक टांग उठा और झुक गई।
उन्होंने अपना एक पैर टेबल पर रखा और दूसरे पर खड़ी हो कर अपनी चुत फैला कर मुझे बुलाने लगी।
दोस्तों मेरा लंड इतना टाइट और चुत में रगड़ा हुआ था की वो लाल हो रखा था और दर्द भी कर रहा था पर मेरी हवस वैसी की वैसी थी।
इसलिए मैं पीछे से भाग कर आया और भाभी की चुत में लैंड देकर उनके स्तनों को हाथो से सहारा दिया और बस चुदाई शुरू कर दी।
भाभी से स्तन लटके न इसलिए मैंने उन्हें हाथो से उठा रखा था भाभी को चुदाई का तरीका सेक्सी लगा और उनकी चुत से कुछ देर बाद फिर पानी छेड़ने लगा।
उसी वक्त लसलसे पानी से मेरा लंड भी अपना पानी छोड़ दिया और बस हम दोनों का माल खड़ी चुदाई में ही निकल गया।
जैसे ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला हमारा सारा माल पानी भाभी की चुत से टपकता हुआ नीचे गिरने लगा। भाभी 5 सेकंड तक वैसी ही खड़ी थरथराती रही।
तो दोस्तों इस तरह मैने देसी भाभी की देसी चुदाई की और उन्हें चुदाई का असली सुख दिया।