कमीने दोस्त की माँ की चुदाई भाग-1
आंटी चाय बना रही थी और मैं अपना लंड निकल कर उनके पीछे चिपक गया। दोस्तों मेरा नाम उमेश है और आज मैं आपको अपने कमीने दोस्त की माँ की चुदाई कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मेरे दोस्त का नाम सोनू था वो काफी कमीना इंसान था। उसे दारू की लत लगी थी और वो मुझे भी लगवाना चाहता था पर मैंने उस से दोस्ती इस लिए बना राखी थी क्यों की अगर मेरी कही लड़ाई हो जाये तो मैं उसे बुला सकू। अरे भाई दिल्ली में यही होता है और होता रहेगा।
मोनू की एक बड़ी बहन थी जो मुझे काफी पसंद थी उसे देख मेरी दबी अन्तर्वासना जाग जाती। मैं कई बार उसके घर इसलिए जाता था ताकि मैं उसकी बहन को देख सकू।
इसी तरह एक दिन मोनू ने मुझे अपने घर बुलाया और कहा की अजा मेरे घर दारू पीते है आज मेरा बाप घर पर नहीं है माँ तो कुछ बोलती ही नहीं है।
मैं दारू नहीं पीना चाहता था पर उसकी सुंदर बहन को जरूर देखना चाहता था। मैं मोनू से बोला “देख तेरे घर मैं आ तो जाउगा पर दारू को हाथ नहीं लगाऊगा !!”
मोनू – अच्छा अच्छा ठीक है बे कम से कम साथ देने तो अजा अकेले पिने का मजा नहीं।
उसके बाद मैं उसके घर फ्रूटी की बोतल लेकर चला गया और उसके घर पर हमने काफी मजे किए।
उसने टीवी पर तेज गाने चलए और नाचते हुए दारू की बोतल पिने लगा।
मैं बैठा बैठा कमरे से बाहर देखता रहा इस उम्मीद में की कब मोनू की बड़ी बहन आएगी।
दोस्त की मम्मी मेरा लिंग देख मुस्कुरा पड़ी !
उसकी बहन मुझ से 3 इंच लम्बी है और उसकी गांड मेरे हाथो से भी बड़ी है। उसकी बहन तो आई नहीं तो मैं बैठा बैठा अपने फ़ोन में गन्दी वीडियो देखने लगा। तब तक मोनू भी नशे में कुछ न कुछ बड़बड़ा रहा था। तभी आंटी आ गई और उन्होंने मेरा पजामे में छुपा खड़ा लिंग दिख गया।
वो उसे देख हैरान हो गई और मैंने जल्दी से अपनी जाँघे आपस में चिपका ली। आंटी ने अपना मुँह मुझ से परे कर के कहा “बेटा तुम्हारे लिए मैं चाय बना दू किया ?”
मैं – हाँ आंटी जरूर !!
आंटी – बेटा तुम इतने अच्छे लड़के हो और ये मोनू तो दिन पर दिन हमारे हाथ से निकला जा रहा है। देखना जरा इसको कोई शर्म ही नहीं है अपनी माँ के सामने कैसे दारू पीकर पड़ा है।
मैं – आंटी जी मैं तो बस इसको बोल ही सकता हूँ। अब जिसको लत लगी होती है उसे नशे के सामने कुछ नहीं दीखता।
आंटी – हाँ !
उसके बाद आंटी हस्ते हुए मेरी जांघो के बीच एक बार नजर मारी और वहा से चली गई।
ये देख मैं भी हैरान हो गया और आंटी को भी गन्दी नजर से घूरने लगा।
उनकी साड़ी में मोटी गांड देख मेरा लिंग दोबारा और मैं आंटी के वश में हो गया।
आंटी मटकते हुए रसोई में घुसी और वहा मेरे लिए चाय बनाने लगी और मैं उन्हें पीछे से देख अपना लंड हिलाने लगा। उस वक्त मोनू को कोई होश नहीं था।
इसलिए मैं आंटी को बेफिक्र हो कर देख रहा था। आंटी के ब्लाउज से गोल थन उभरता देख मुझे मजा आने लगा।
अभी आंटी ने तिरछी नजर कर मुझे लंड सेहलते हुए देख लिया पर फिर भी अनजान बनकर चाय उबालती रही।
जैसे जैसे वो चाय उबाल रही थी मेरे अंडो में भी सफ़ेद पानी उबल रहा था।
उसके बाद मुझे भी पता लग गया की को भी मजा आ रहा है और उन्हें पता है की मैं उन्हें देख क्या कर रहा हूँ।
मैंने बेशर्म बनकर अपने पजामे का नाडा खोला और लंड बाहर निकाल कर उसे हिलाने लगा।
आंटी बस तिरछी आंखे कर मुझे देखती रही और देखते ही देखते मेरा लंड लसी की पिचकारी छोड़ दिया।
ऐसा देख आंटी के सब न हुआ और वो मेरे झड़े हुए लंड को चाटने लगी। वो नीचे बैठी और मेरे लटके लंड को चाट चूस कर फिरसे खड़ा करने की पूरी कोशिश में लगी रही।
पजामे का नाडा लंड पर बांध कर उसे जबरदस्ती खड़ा किया !
उसके बाद मैंने अपने पजामे का नाडा निकाला और उसे लंड पर कस कर बांध दिया जिस कारण और और ज्यादा सख्ती से खड़ा हो गया।
नसों से भरा लिंग आंटी देखने लगी और मेरे लाल टोपे को अपने सेक्सी होठो से चूसने लगी।
मेरा माल पहले ही झड़ गया था इसलिए अब मैं ज्यादा देर आंटी को चोद सकता था।
मैं आंटी के चुचो को पकड़ा और ऊपर कुछ कर आंटी को खड़ा कर दिया उसके बाद मैं बोला “आंटी जी मेरी छाए तो बना दो !!”
उसके बाद आंटी मेरी चाय बने के बाद भी उसे बार बार उबलने लगी और मैं पीछे जाकर उनसे चिपक गया।
साड़ी के ऊपर से ही मैं अपना तने हुए लंड को पीछे से रगड़ता हुआ आंटी के ब्लाउज में हाथ दे दिया।
आंटी के गर्म और नरम थन काफी सेक्सी थी। मैं उन दोनों की सेक्सी चूचिया दबाने लगा और आंटी का शरीर कापने लगा।
उसके बाद आंटी नीचे झुकी और उन्होंने अपनी साड़ी और पेटीकोट उठा कर अपनी गांड दिखाना शुरू कर दिया।
आंटी की मोटी गांड टाइट कच्छी में काफी सेक्सी लग रही थी। मैं दोनों चूतड़ों को चूमा और कच्छी में हाथ गुसा कर गांड चुत के छेद में उनलगी करने लगा।
देखते ही देखते कच्छी गीली हो गई और आंटी लंड लेने के लिए तैयार।
दोस्तों ये थी मेरी kamine dost ki maa ki chudai सेक्सी कहानी का पहला भाग। दूसरा भाग यहाँ क्लिक करके पड़े (कमीने दोस्त की माँ की चुदाई भाग-2)