बारिश में माँ बेटे की सेक्सी चुदाई
जब मैंने अपनी माँ का सेक्सी बदन बारिश के पानी से भीगा हुआ देखा तो मैं खुद को रोक नहीं पाया और सीधा उसके शरीर से जाकर चिपक गया। दोस्तों ये मेरी sexy story है जो अपने शायद ही पढ़ी होगी। मैंने अपनी कामुक माता की तेज बरसात में चुदाई कर डाली।
इस कहानी में आप पड़ेंगे बारिश में माँ बेटे की सेक्सी चुदाई। मेरा नाम तुषार है और मैं 20 साल का वासना से भरा लड़का हूँ जिसके दिमाग में दिन रात बस चुत ही चुत होती है।
मैं लखनऊ का रहने वाला एक गरीब परिवार का एकलौता लड़का हूँ। उस दिन मेरी माँ छत पर कपडे धो रही थी और मैं नीचे टीवी देख रहा था। तभी मुझे मेरी माँ की तेज चिलाने की आवाज आने लगी ” तुषार तुषार !!! कहा मर गया है !!! “
मैं जल्दी से ऊपर गया तो तेज बारिश शुरू हो गई। माँ ने मुझे जल्दी जल्दी सूखे और गीले दोनों कपडे नीचे लेजाने को कहा। मैं सारे कपड़े लेकर नीचे चला गया।
उसके बाद देखा तो मेरी माँ नीचे आई ही नहीं। मैं वापस गया तो देखा माँ तो तेज बारिश में भीग कर ठन्डे पानी का आनंद ले रही थी। उन्हें देखते ही मेरी दोनों आंखे उनके सेक्सी शरीर पर जाकर रुक गई।
उन्होंने साड़ी पहन राखी थी और उनके गीले ब्लाउज से दोसो स्तन दिख रहे थे। उनकी सेक्सी कमर और गोल गीली गांड देख मेरा लिंग खड़ा होने लगा।
इस तरह मेरे दिल और दिमाग में बस maa ki chudai करने की इच्छा जाग उठी और मेरा लिंग अपने आप हिलने लगा।
मैं वहीं खड़ा अपनी माँ को देखता रहा और माँ बारिश में भीग कर सेक्सी लगने लगी। मैं पहले भी अपनी माँ को कामुक नजरो से देखता था पर अब ये सब कुछ ज्यादा ही हो गया। मैं आगे बढ़ा और अपनी माँ के साथ साथ बारिश में नहाने लगा। बारिश का पानी माँ के ब्लाउज में भर गया जिस वजह से स्तन और भारी होकर लटकने लगा।
ठन्डे पानी से माँ के दोनों निप्पल टाइट हो गए और मुझे दिखने लगे। मैं उन्हें और करीब से देखता रहा और कामुक होकर अनजाने में अपना लिंग पूरा खड़ा कर बैठा।
कुछ देर में ही माँ की नजर मेरे लिंग पर गई और वो उसे देखने लगी। लिंग देख वो शर्म में मारे हल्का सा मुस्कुरा पड़ी। तभी उनके मुँह से कुछ निकलने वाला था की मैं उनकी हसी का हाँ समज बैठा।
मैं जाकर सीधा उनके गले लगा और अपना पूरा मुँह उन्हें स्तनों के बीच दबा बैठा। मेरी पकड़ इतनी जोर की थी की माँ डर गई और हैरानी से मुझे देखने लगी।
उस वक्त मैं दिमाग से नहीं लंड से सोच रहा था जो मेरी गलती थी। मैं एक पल भी नहीं रुका और स्तनों में मुँह देकर उन्हें ब्लाउज और ब्रा के ऊपर से ही जोर जोर से चूसने लगा। निप्पल खड़े थे तो मुझे पता था की कहा से उन्हें चूसना है।
मैं लगातार माँ के स्तन चूसते हुए उनकी कमर और गांड को अपने दोनों हाथो से सहलाने और दबाने लगा।
उसी पल मेरी जवानी का जोश देख मेरी मम्मी की चुत से रस छोड़ना शुरू कर दिया वो अचानक कामुक हो गई और उनका शरीर ढीला होने लगा। उसी एक पल मैं ठान लिया की अब तो maa bete ki sexy chudai होकर ही रहेगी।
मैं पुरे जोश से उनके भीगे शरीर को चूसता और चाटता हुआ उनकी गांड पकड़े रखा। हमारा घर नीचे था और बस एक मंजिल का इसलिए घर के चारो तरफ बड़े बड़े मकान थे। अगर कोई भी अपनी छत से हमारे घर पर देखता तो उसे ये लाइव चुदाई देखने को मिलती पर बारिश की वजह से कोई अपनी छत पर नहीं था।
बस डर था तो सिर्फ सामने वाले माकन का जो 2 मंजिल का था। पर ये सब मैंने नहीं सोचा और बस अपने माँ के भरे फुले शरीर से चिपक कर उसके पूरा आनंद ले रहा था।
माँ ने मुझ से आंखें चुरा कर धीरे से मेरे पजामे में हाथ डाला और यहाँ वहा देखते हुए मेरा लिंग अंदर ही अंदर पकड़ कर उसे हिलाने लगी।
मेरे लंड का टोपा मेरा ही गीले कच्छे से रगड़ खाने लगा और बस उसके अंदर से पानी छूटने लगा।
जैसे ही मेरे लिंग से पानी की एक बून्द रिस कर बाहर निकली मैं अपनी माँ की चुदाई करने पर उतर आया।
मैंने आपस पड़ी गीली चादर उठाई और कपडे सूखने वाली तार पर डाल दी ताकि कोई हमें ये अश्लील काम करता न देख ले। चादर की वजह से हमे सामने वाले मकान से कोई नहीं देख सकता बगल वाले लोग अपनी छत से हमे नीचे देख कस्ते था। इस से पहले कोई maa bete ki sexy chudai देखता मैं अपना काम करने लगा।
पर उस वक्त कोई नहीं था। चादर डाल कर मैंने अपनी माँ को उसके पीछे घसीटा और उनका ब्लाउज जल्दी से खोल कर उसके दोनों स्तनों को जबरदस्ती चूसने लगा। स्तनों के कामुक आनंद और जोरदार चुसाई से माँ छटपटाने लगी और बोलती रही ” अहह अहह बेटा उफ्फ !! “
पर मैं नहीं रुका स्तन चूसते हुए मैंने उनकी साड़ी ऊपर उठाई और उनके बेटिकट से होते हुए अपना हाथ उनकी गीली कच्छी में घुसा दिया।
इस तरह मैं उनकी चुत तक पहुंचा और उसमे जबरदस्त ऊँगली कर माँ को चुदाई के लिए तैयार करने लगा।
धीरे धीरे उनकी गर्म चुत से गर्म पानी निकलने लगा और मेरा हाथ उनकी सेक्सी जांघो के बेच गर्म हो गया।
एक बारिश मेरे सर के ऊपर हो रही थी और एक मम्मी की कच्छी में।
उसके बाद मैंने जल्दी से माँ को खींच कर खड़ा किया और उनकी साड़ी और पेटीकोट उठा कर उनकी पतली कमर पर बांध दिया। झट से कच्छी उतारने के बाद मैंने अपना लंड उनकी चुत के अंदर दे मारा और माँ को दिवार के साहरे झुका कर खड़ा कर दिया।
चुत के दर्द और ठण्ड के मारे मम्मी के दोनों पैर और पूरा शरीर कापने लगा और वो किसी तरह दर्द झेल कर मेरे लंड का मजा लेती रही।
तेज बारिश से शरीर जवान और हॉट लग रहा था। मैं जोर जोर से धके लगाने लगा और मम्मी अपने मुँह पर हाथ रख चीख रोकने लगी।
मम्मी – हम्म्म मममम हहह उउउ हम्म्म !!!
मैं – अहह अहह !! अहह मम्मी ! अहह ! अपनी चुत !!
मम्मी – धीरे कर हरामजादे और आवाज मत निकाल !!!
मैंने कहा – मम्मी तुम हो ही इतनी सेक्सी !! अहह !! अपनी चुत अंदर से मुलायम और गर्म है मजा ही आ गया।
कुछ देर मम्मी को झुका कर चोदने के बाद मैंने उन्हें अपनी तरफ मुँह कर के खड़ा किया और उनकी पीठ को दिवार का सहारा देकर चोदने लगा।
मैंने उनकी एक जांघ उठाई और उसे अपने कंधे पर रख मैं माँ को एक टांग पर चोदने लगा। कूल्हे हिला हिला कर आगे बड़ा और उनके दोनों स्तनों को बरी बरी से चुस्त रहा।
बाद में माँ ने भी अपने होठो को आगे बढ़ाया और मेरे हाथो को चूमना शुरू कर कर दिया।
हम दोनों होश खो चुके थे और अब हमारे अंदर बस चुदाई का नशा चढ़ा था। मैं बस मम्मी किस चुत चोदने जा रहा था और मम्मी के होठो को चूसते हुए उनकी एक स्तन को दबाता रहा।
कुछ देर में अचानक माँ एक पैर पर खड़े खड़े कपकपाने लगी और उनकी चुत से गर्म पानी की तेज धार निकल पड़ी।
उस गर्म पानी से मेरा लंड चुत से बाहर निकल गया और सारा गर्म पानी मेरी जांघो से होता हुआ नीचे गीर गया।
मेरे दोनों पैर चुत के पानी से सने हुए थे और लंड का टोपा लाल था। उसके बाद माँ का शरीर ढीला हो गया और मैंने उन्हें सहारा देखर खड़ा कर दिया।
उसके बाद मैंने उनकी चुत फिर चॉदनी चाही पर माँ ने मना कर दिया।
मना करने के बाद माँ खुद नीचे बैठी टटी करने वाले पोज में मेरा लिंग चूसने लगी।
तेज बारिश में हम ओरल सेक्स कर रहे थे और माँ मेरा लिंग चूस कर मुझे पूरा आनंद दे रही थी।
उन्होंने मेरा लिंग चूसा बस गोटो माँ सफ़ेद पानी खींच कर सीधा अपने गले में ले लिया।
मैं खड़े खड़े कपङे लगा क्यों की लिंग से पानी निकलने के बाद भी माँ ने चुसाई जारी राखी और चूस चूस कर मेरी हालत खराब कर दी।
बस ये थी मेरी बारिश में माँ बेटे की सेक्सी चुदाई।