मालिक की बेटी की चुदाई कहानी – 2
अब दोस्तों छोटी मालकिन चाटने के बाद बाद मैंने अपना हतियार निकाला और उसके पीछे रगड़ने लगा। मेरी मेरी कहानी मालिक की बेटी की चुदाई कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद् अगर अपने मेरी इस कहानी का पहला भाग नहीं पढ़ा तो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर पहले भाग को पढ़े।
अब दोस्तों मैंने अपना 6 इंच का मोटा लिंग निकाला और छोटी मालकिन के चुत में गुसा डाला। लिंग अंदर जाते हुई उन्हें पूरा आनंद आने लगा। मालकिन निकालने लगी “अहह अहह हूँ हूँ !! यह !! बेबी !!”
वो पता नहीं क्या क्या अंग्रेजी में बोले जा रही थी और मैं मजे से उनका नरम शरीर पकड़ कर चोदने जा रहा था। काफी आनंद से भरा दिन था जो मैं चाहता था की कभी खत्म न हो।
दोस्तों मेरा नाम केशव दास है और मैं अपने मालिक की बेटी की चुदाई कर रहा था। मालिक की बेटी करीब 25 साल की था। गोरा और नरम बदन और सेक्सी कमर के साथ भरी जाँघे मुझे पागल कर रही थी।
मालकिन को मेरा लंग चोदे जा रहा था और हम पुरे मजे में चुदाई का आनंद ले रहे थे। मालकिन के दूध आगे पीछे झूल रहे थे और उनके बाल पुरे खराब हो गए।
मालकिन को इस बात का कोई दुख नहीं था की वो एक मजदूर का लंड ले रही है। उनकी योनी वक्त के साथ साथ गीली हो रही थी। और मेरा लिंग रगड़ खा खा कर लाल हो रहा था।
कुछ देर घोड़ी बना कर चोदने के बाद छोटी मालकिन की जाँघे कापने लगी। धीरे धीरे चुत से पानी की बुँदे भी टपकने लगी।
मैंने मालकिन पर थोड़ी दया की और उन्हें गर्दन पर चूमते हुए नंगी जमीं पर लेटा दिया।
पीठ के बल लेटा कर मैंने मालकिन के चूचियों को चूसना शुरू कुया और उनके पुरे गर्म बदन पर अपने हाथ चलाने लगा। मालकिन की चुत लंड लेने के लिए तड़पने लगी।
ऊके बाद जब मेरा लिंग भी फड़फड़ने लगा तो मैंने उसे चुत के अंदर घुसा दक़िया।
अंदर घुसा कर मैंने जोरदार धके लगाए और मालकिन के होश उदा दिए।
मालकिन मदहोश हो गई और उस दिन उन्हें पता लगा की एक गरब के लंड में कितनी जान होती है।
मालकिन की अन्तर्वासना उनकी सेक्सी चुत से बाहर टपक रही थी। वो काफी नशे में थी और उनकी आंखे उलटी हो गई थी। उनका कोमल पेट सेक्सी टांगे और सुंदर ब्रा देख मेरा तो आपा खो गया।
कमरे में कोई पंखा नही था और हमदोनो का शरीर पसीने से भर गया। उस वाल्ट मालकिन का पसीना बभी मुझे खुसभुदार लग रहा था। उनकी पसीने से लतपत छाती मैं बार बार अपने होठो से चूसता तो कभी जुबान से चाटता।
मालकिन नंगी जमीन पर लेरा लंड लेती लेती हॉट आवाजे निकाल रही थी जो पुरे मकान में गूंज रही थी। दोस्तों वो दिन मुझ गरीब के दुनिया का सबसे आमिर इंसान होने का एहसास दे रहा था।
मालकिन – अहह अहह !! फ़क में !! बेबी !! अहह उह्ह्ह !!
मजदुर – अहह मालकिन !! आप आप कितनी बड़ी रंडी हो !!
मालकिन – चोद साले मुझे !! चोद !! अहह अहह !!
मजदुर – अहह मालकिन !! अहह आपका भोसड़ा !!
मालकिन – क्या क्या हुआ मेरी पुसी को ?
मजदुर – पूसी ?? क्या पूसी मैडम ? मैं बोल रहा हूँ आपका भोसड़ा बड़ा टाइट है !!
मालकिन – अहह अहह साले धीरे चोद मेरी चुत कोई रंडी का माल नहीं है !!!
मजदुर – अहह उ अह्ह्ह अहह हहह !!
बस उसके बाद तो मैं मालकिन की टाइट चुत को चोद चोद कर ढीला करने लगा।
उनकी टांगे थर थरा रही थी और मैं भी हाफ हाफ कर उनके भोसड़े को और मजे दिए जा रहा था।
उसके देर बाद मालकिन ने अपने ही छाती नोचनी शुरू करदी और मैं पागल सा होने लगा। मेरी कमर टांगे और कूल्हे चुदाई कर कर के तक गए पर मैं रुका नहीं। मालकिन का भोसड़ा भी पानी पानी हुए जा रहा था।
उसी के साथ मेरा आप को गया और मैं मालकिन के ऊपर लेटा और उन्हें दबोच कर चोदने लगा। मालकिन मेरे सिकंजे में थी। मैंने उनके जकड़ रखा था और उन्हें खूब चोद रहा था।
उनकी सुडोल जंघे अंदर से लाल हो चुकी थी। और अगले ही पल चुत से सफ़ेद पानी निकलने लगा और मेरा लंड साला मलाईदार हो गया।
मालकिन को मजा ही मजा आ रहा था और वो कुछ अलग ही दुनिया में जा चुकी थी। मेरे दिमाग पर भी पता नहीं कौन सा भुत सवार हो चूका था।
चुत से लम्बी लम्बी लार उछलने लगी और पीछे की दिवार पर जा गिरी।
इसी तरह मैंने भी अंत में एक जोरदार झटका मारा और अपने लंड को ज्यादा से ज्यादा अंदर घुसा कर अपना माल पानी डाल दिया। मैंने पूरी कोशिश की मालकिन को अपने बच्चे की माँ बाने की ताकि अंत में मालकिन को अपनी बेटी की शादी मुझ से करानी पढ़े।
उसके बाद मैं थक कर सो गया और मालकिन की बाहो में पढ़ा रहा।
कुछ देर बाद अचानक मालकिन आई मुझ पर चीला चीला कर मुझे उठाने लगी।
मैं अचानक से हैरान हो गया और छोटी मालकिन को बोला “क्या हुआ मालकिन ??”
मालकिन – तुम पुरे दिन से सो रही हो तो काम कौन कर रहा है।
मैं हैरानी के साथ आसपास देखा तो पता लगा वो सब तो मैंने अभी मालकिन के साथ किया वो सिर्फ सपना था।
मालकिन के सही सलामत उनके शरीर पर थे और मैंने भी पकड़े पहन रखे थे।
पीछे देखा तो दिवार पर चुत के पानी की छिट नहीं थी।
उसके बाद मुझे काफी दुख हुआ। पर मालकिन मुझे घिनौनी नजरो से देखने लगी।
वो मेरे लिंग को देख रही थी। जब मैंने नीचे देखा तो पता लगा मेरा लंड पैंट के अंदर ही झाड़ा हुआ था और पूरा गीली हो रखा था।
मालकिन ने अपनी जेब से पैसे निकाले और मुँह पर मार कर कहा “दफा हो जा यहाँ से !!!!”
बस दोस्तों ये थी मेरी हिंदी चुदाई कहानी अगर आपको इस गरीब का सेक्सी सपना पसंद आया तो मुझे मेल जरूर करना।